इनकम टैक्स और जीएसटी के बाद कस्टम ड्यूटी को आसान बनाने पर फोकस करेगी सरकार, वित्त मंत्री बोलीं- बड़ा सुधार होगा
Finance Minister Nirmala Sitharaman
नई दिल्ली: Finance Minister Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सीमा शुल्क को सरल और पारदर्शी बनाना सरकार का अगला बड़ा सुधार एजेंडा होगा. यह घोषणा आम बजट से पहले ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में की गई. उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में आयकर और वस्तु एवं सेवा कर (GST) में सुधार करके दरों को तर्कसंगत बनाया और सरलीकरण किया. इसके परिणामस्वरूप आम आदमी के हाथ में अधिक नकदी आई और उपभोग में वृद्धि हुई.
सीतारमण ने कहा, "हमें सीमा शुल्क का पूरी तरह कायापलट करना है और इसे इतना सरल बनाना है कि लोगों के लिए पालन करना बोझिल न लगे. पारदर्शिता बढ़ानी होगी." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जैसे आयकर में पारदर्शिता लाई गई है, वैसे ही सीमा शुल्क में भी लाई जाएगी. प्रस्तावित सुधार व्यापक होंगे और इसमें सीमा शुल्क दरों को तर्कसंगत बनाना भी शामिल है.
इन सुधारों की घोषणा आगामी बजट में की जा सकती है, जो संभावित रूप से 1 फरवरी 2026 को पेश होगा. वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले दो साल में सरकार ने कई वस्तुओं पर सीमा शुल्क दरें कम की हैं, लेकिन कुछ वस्तुओं पर दर अभी भी इष्टतम स्तर से ऊपर है. ऐसे उत्पादों की दरों को भी कम करना होगा. उन्होंने इसे अपना "अगला बड़ा सफाई अभियान" बताया.
सीतारमण ने कहा कि इस साल के बजट में औद्योगिक वस्तुओं पर सात अतिरिक्त सीमा शुल्क दरें खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया था. इससे पहले, 23 जुलाई 2024 के बजट में भी सात दरें हटाई गई थीं. वर्तमान में कुल आठ दर स्लैब बचे हैं, जिनमें शून्य दर भी शामिल है.
डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने पर वित्त मंत्री ने कहा कि मुद्रा अपने सहज स्तर पर पहुंच जाएगी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग पांच प्रतिशत कमजोर हुआ है.
सीतारमण ने आर्थिक वृद्धि को लेकर भी भरोसा जताया. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि सात प्रतिशत या उससे अधिक रहने की संभावना है. उन्होंने निवेश और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की निरंतर नीतियों पर जोर दिया और कहा कि सीमा शुल्क सुधार से व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी.